वकीलों के विरोध को देखते हुए मामले को रायबरेली न्यायालय में स्थान्तरित किया गया था. रायबरेली कोर्ट में पिछले 7 साल से मामले की सुनवाई चल रही थी. शुक्रवार को जिला जज अब्दुल शाहिद ने आरोपी दारोगा शैलेन्द्र सिंह को आजीवन कारावास और 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई.
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